Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम को नोटिस जारी कर पूछा है कि जब सड़क चौड़ीकरण के नाम पर लीज भूमि का अधिग्रहण किया गया तो भूस्वामियों को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया? चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबल बेंच ने प्रमुख सचिव राजस्व, नगर निगम जबलपुर, स्मार्ट सिटी लिमिटेड और पीडब्ल्यूडी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
9 याचिकाओं पर दिए गए हैं मुआवजा निर्धारण के निर्देश
राइट टाउन स्थित कोहिनूर टोबेको प्रॉडक्ट्स की ओर से दायर इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता एच एस रूपराह ने बताया कि 9 याचिकाओं की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट पहले ही मुआवजा निर्धारण के निर्देश दे चुका है। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि उन याचिकाओं की सुनवाई के समय उनकी सुनवाई नहीं की गई इसलिए उक्त निर्णय याचिकाकर्ता पर लागू नहीं होता।
दरअसल एक दिन पहले ही जस्टिस शील लागू और जस्टिस एमएस भट्टी की बेंच ने जनहित के कार्य को बाधित न करते हुए नगर निगम को मुआवजा निर्धारित कर 6 माह के अंदर भुगतान करने के निर्देश दिए हैं।